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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
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श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ ७ ॥